हरियाणा के पानीपत से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है. महज 9 साल का मासूम बच्चा, जिसका कसूर सिर्फ इतना था कि वह एक दिन तालीम लेने मस्जिद नहीं गया, उसे ऐसी सजा दी गई जिसने इंसानियत को शर्मसार कर दिया. मौलवी ने न सिर्फ उसके हाथ-पैर रस्सियों से कसकर बांध दिए, बल्कि पूरे चार घंटे तक डंडों से बेरहमी से पिटाई करता रहा.
हरियाणा के पानीपत जिले से एक ऐसी घटना सामने आई है जिसने हर किसी को झकझोर दिया है. महज 9 साल का मासूम बच्चा, जिसका कसूर सिर्फ इतना था कि वह एक दिन तालीम लेने मस्जिद नहीं जा पाया.
अगले ही दिन जब वह मासूम अपनी गलती सुधारने मस्जिद पहुंचा तो उसे ऐसी सजा मिली जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी. इमाम ने न केवल उसके हाथ-पैर रस्सियों से बांध दिए, बल्कि पूरे चार घंटे तक डंडों से बेरहमी से पिटाई की.
बच्चा लौटा ही नहीं घरसोमवार को रोज की तरह बच्चे को मस्जिद जाना था. दोपहर 3 बजे वह वहां पहुंच भी गया. लेकिन इस बार वह शाम तक घर नहीं लौटा. रोजाना जो बच्चा 5 बजे तक वापस आ जाता था, उस दिन रात ढलने लगी और घर का दरवाजा खाली रहा. मां का दिल घबराने लगा. बेचैन होकर उन्होंने पहले रिश्तेदारों और आसपास पूछताछ की. जब कोई सुराग नहीं मिला तो सबसे पहला ख्याल मस्जिद का आया.
मौलवी का छुपा हुआ अपराधजब मां मस्जिद पहुंचीं तो वहां कोई बच्चा नहीं था. उन्होंने आसपास खड़े लोगों से पूछा, लेकिन किसी ने सही जवाब नहीं दिया. मौलवी भी वहां नजर नहीं आया. मां ने हार नहीं मानी और खोजते-खोजते मौलवी आलीशान के दफ्तर तक पहुंच गईं. जैसे ही उन्होंने दरवाजा खोला, तो नजारा देखकर उनके पैरों तले जमीन खिसक गई. उनका 9 साल का बेटा फर्श पर पड़ा था. उसके हाथ-पैर रस्सी से कसकर बांधे हुए थे और आंखों से लगातार आंसू बह रहे थे. शरीर पर जगह-जगह चोट और सूजन थी. मां को देखते ही उसने धीमी आवाज में कहा मेरे हाथ-पैर खोल दो. ये देखकर मां का दिल रो पड़ा, लेकिन उन्होंने खुद को संभाला.
दर्द की कहानी बच्चे की जुबानीरस्सियां खुलते ही बच्चा मां की गोद में फूट-फूटकर रोने लगा. उसने बताया कि रविवार को वह मस्जिद नहीं गया था. जब अगले दिन वह मस्जिद पहुंचा तो मौलवी ने उससे पूछा ‘कल क्यों नहीं आया था? इतना सुनते ही मौलवी गुस्से से आग-बबूला हो गया. उसने बच्चे के हाथ-पैर रस्सी से बांध दिए और डंडों से बुरी तरह पीटना शुरू कर दिया. बच्चे ने बताया कि दोपहर 3 बजे से लेकर शाम 7 बजे तक वह बंधा ही पड़ा रहा. इस दौरान मौलवी लगातार डंडे बरसाता रहा. चोटें इतनी लगीं कि उसका शरीर जगह-जगह से सूज गया और दर्द से कराहता रहा. उसने मदद के लिए आवाज भी लगाई, लेकिन किसी ने उसकी बात नहीं सुनी.
पिता की बेबसीपिता मोहम्मद अंसारी, जो पास के जमींदार के यहां ट्रैक्टर चलाते हैं, को जब इस घटना की खबर मिली तो उनकी सांसें थम गईं. शाम को घर से फोन आया कि बच्चे की हालत बेहद खराब है और उसे मस्जिद में मौलवी ने बेरहमी से पीटा है. काम छोड़कर वह तुरंत घर पहुंचे और फिर बच्चे को सिविल अस्पताल ले गए. डॉक्टरों ने शरीर पर दर्जनों चोटों के निशान देखे.
गांव में हलचल और पुलिस की कार्रवाईयह घटना सुनकर पूरा गांव सकते में है. किसी ने नहीं सोचा था कि तालीम देने वाला मौलवी इतनी बेरहमी कर सकता है. घटना के बाद मौलवी मस्जिद से भाग चुका था. परिवार ने तुरंत पुलिस को शिकायत दी है. पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और मौलवी की तलाश शुरू कर दी है.
दस दिन पहले आया था बच्चासबसे दर्दनाक पहलू यह है कि यह बच्चा यहां नया था. पिता ने बताया कि बेटा पहले उत्तर प्रदेश में पढ़ता था. महज 10 दिन पहले ही उसे गांव में लाकर पास की पसीन गांव मस्जिद में तालीम के लिए भेजना शुरू किया गया था. उन्हें नहीं पता था कि महज कुछ ही दिनों में उनके बेटे के साथ इतना बड़ा हादसा हो जाएगा.
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