आमतौर पर गर्भावस्था के अंतिम महीनों में बच्चे का जन्म होता है, लेकिन एक महिला ने अमेरिका में नौ साल तक गर्भ में बच्चे को रखा। यह मामला तब सामने आया जब डॉक्टरों ने उसे दिखाया और वे भी हैरान रह गए। दुर्भाग्यवश, इस स्थिति के कारण महिला को एक गंभीर बीमारी हो गई, जिससे उसकी मृत्यु हो गई।
कांगो की महिला की कहानी
यह महिला कांगो की निवासी है, जिसने नौ साल पहले गर्भधारण किया था। 28वें हफ्ते में उसे महसूस हुआ कि भ्रूण अब हिल नहीं रहा है। डॉक्टरों ने बताया कि बच्चे की सांसें थम चुकी हैं और गर्भपात के लिए दवाइयां दीं। लेकिन महिला ने सर्जरी कराने का निर्णय नहीं लिया।
अमेरिका में आपात स्थिति
हाल ही में अमेरिका आने के बाद, महिला को पेट में तेज दर्द और अपच की समस्या हुई। अस्पताल में जांच के दौरान पता चला कि भ्रूण अब भी उसके पेट में है, लेकिन वह पत्थर की तरह कठोर हो गया था। इससे उसकी आंतें सिकुड़ गईं और वह कुपोषण का शिकार हो गई।
लिथोपेडियन की दुर्लभ स्थिति
डॉक्टरों ने बताया कि जब भ्रूण गर्भाशय के बजाय पेट में विकसित होता है, तो इसे लिथोपेडियन कहा जाता है। यह स्थिति बेहद दुर्लभ है और अब तक दुनिया में केवल 290 मामले ही दर्ज किए गए हैं।
इस स्थिति के कारण
यह तब होता है जब गर्भ में विकसित भ्रूण मर जाता है और शरीर उसे बाहर नहीं निकाल पाता। भ्रूण पर कैल्शियम की परत जम जाती है, जिससे वह पत्थर जैसा हो जाता है। इसे 'स्टोन बेबी' भी कहा जाता है। यह स्थिति मां के स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डाल सकती है।
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