बच्चों की शादी के लिए माता-पिता अक्सर गहन विचार-विमर्श करते हैं, जिसमें कई पहलुओं की जांच की जाती है। जैसे कि दूल्हा या दुल्हन की शिक्षा, पारिवारिक पृष्ठभूमि और पेशा। हालांकि, कभी-कभी यह जांच भी गलत साबित होती है, जिससे रिश्ते में दरार आ जाती है। मध्यप्रदेश में ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जहां शादी के दो फेरे होने के बाद भी यह रिश्ता टूट गया।
ग्वालियर में शादी का कार्यक्रम
ग्वालियर के ईसागढ़ के ओड़िला गांव में एक शादी की तैयारियां दो महीने से चल रही थीं। बारात आने के बाद दूल्हा और दुल्हन मंडप में बैठे, और कई रस्में भी हुईं। लेकिन, शादी के सात फेरे पूरे नहीं हो पाए और अंततः शादी को रद्द कर दिया गया। इस घटना के बाद दूल्हा और दुल्हन के परिवार एक-दूसरे पर आरोप लगाने लगे।
कन्या पक्ष का आरोप
कन्या पक्ष का कहना है कि मंडप सज चुका था और रस्में शुरू हो चुकी थीं, लेकिन केवल दो फेरे ही हो पाए। कन्या पक्ष ने आरोप लगाया कि दूल्हा और दुल्हन का गोत्र एक ही है, जिससे वे भाई-बहन बन गए हैं, इसलिए शादी रद्द करनी पड़ी।
बारात के वाहन को लेकर विवाद
दूल्हे के परिवार ने कन्या पक्ष के आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि उन्होंने बारात जीप और बस से नहीं, बल्कि ट्रक और ट्रैक्टर से भेजी थी, जो कन्या पक्ष को पसंद नहीं आया। शादी रद्द होने के बाद मामला पुलिस थाने तक पहुंच गया, जहां इसकी सुनवाई हुई। कन्या पक्ष ने दहेज का सामान भी ट्राली से उतार लिया।
शादी की तारीख और परिवारों की स्थिति
वर पक्ष का कहना है कि उन्होंने पूरी छानबीन के बाद शादी तय की थी, लेकिन जब कन्या पक्ष ने जीप में बारात लाने की मांग की, तो उनका बजट नहीं बना। इस कारण वे ट्रक और ट्रैक्टर से बारात लेकर आए। पुलिस मामले की जांच कर रही है, लेकिन कन्या पक्ष इस शादी को आगे बढ़ाने के लिए तैयार नहीं है।
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