भारी बारिश के कारण हिमाचल प्रदेश से लेकर पंजाब, दिल्ली तक बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं। कई लोगों के घर बाढ़ में बह गए। तो कई लोगों के घरों में पानी भर गया। देश की कई राज्यों में भारी बारिश के साथ बादल फटने और बाढ़ जैसी स्थिति भी बनी हुई है। तो ऐसे में हुए घर के नुकसान को कैसे कर किया जाए? ऐसे ही समय पर काम आता है होम इंश्योरेंस। जिन लोगों के घर बाढ़ के कारण बाह गए या जिन लोगों के घरों में भारी बारिश के कारण पानी भर गया वे लोग होम इंश्योरेंस के इस जरिए मुआवजा प्राप्त कर सकते हैं। लेकिन जिन लोगों ने होम इंश्योरेंस नहीं लिया है उनके लिए यह समय किसी विकट परिस्थिति से कम नहीं है।
घर बीमा लेने वालों की कमीसबसे बड़ी समस्या यही है कि लोग अभी भी होम इंश्योरेंस को लेकर सजग नहीं हैं। आंकड़े बताते हैं कि केवल एक फ़ीसदी लोगों ने ही भारत में होम इंश्योरेंस लिया है। देश में ऐसी कई जगह है जहां बार-बार बढ़ भारी बारिश या बादल फटने की घटनाएं होते रहती है लेकिन फिर भी वहां लोग होम इंश्योरेंस को लेकर ज्यादा सजग नहीं है। जिसके कारण ऐसी परिस्थितियों में उन्हें भारी नुकसान का सामना करना पड़ता है। भारत में आमतौर पर होम इंश्योरेंस पॉलिसी में प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान को भी शामिल किया जाता है। लेकिन इसके लिए कुछ नियमों को समझना जरूरी है।
अपने स्थान के अनुसार चुने बीमा पॉलिसीयदि आप होम इंश्योरेंस ले रहे हैं तो अपनी जगह के अनुसार रिस्क एड ऑन किए जा सकते है। कॉम्प्रिहेंसिव होम इंश्योरेंस पॉलिसी बारिश या बाढ़ के कारण हुए नुकसान को कवर करती हैं।
अलग से जोड़ने की आवश्यकताकुछ पॉलिसी में अपनी जरूरतों के अनुसार अलग से चीजों को जोड़ना पड़ सकता है। जैसे बाढ़ को अलग से कवर करने के लिए अतिरिक्त प्रीमियम या ऐड-ऑन की आवश्यकता हो सकती है। प्राकृतिक आपदाओं से होने वाला नुकसान की भी भरपाई हो जाती है। जिसमें बिजली के उपकारणों के खराब होने, पानी के रिसाव से दीवारों या फर्श या छत को हुए नुकसान की भी भरपाई की जा सकती है।
बीमा का लाभ कैसे लें- यदि आप बीमा क्लेम का लाभ लेना चाहते हैं तो इसके लिए नुकसान होने पर तुरंत बीमा कंपनी को सूचित करें।
- घटना के बाद 24-48 घंटों के अंदर ही क्लेम दर्ज करवाएं।
- शिकायत करने के बाद सर्वेयर की जांच की जाती है।
- सभी सबूत दिखाने के बाद क्लेम स्वीकार किया जाएगा।
घर बीमा लेने वालों की कमीसबसे बड़ी समस्या यही है कि लोग अभी भी होम इंश्योरेंस को लेकर सजग नहीं हैं। आंकड़े बताते हैं कि केवल एक फ़ीसदी लोगों ने ही भारत में होम इंश्योरेंस लिया है। देश में ऐसी कई जगह है जहां बार-बार बढ़ भारी बारिश या बादल फटने की घटनाएं होते रहती है लेकिन फिर भी वहां लोग होम इंश्योरेंस को लेकर ज्यादा सजग नहीं है। जिसके कारण ऐसी परिस्थितियों में उन्हें भारी नुकसान का सामना करना पड़ता है। भारत में आमतौर पर होम इंश्योरेंस पॉलिसी में प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान को भी शामिल किया जाता है। लेकिन इसके लिए कुछ नियमों को समझना जरूरी है।
अपने स्थान के अनुसार चुने बीमा पॉलिसीयदि आप होम इंश्योरेंस ले रहे हैं तो अपनी जगह के अनुसार रिस्क एड ऑन किए जा सकते है। कॉम्प्रिहेंसिव होम इंश्योरेंस पॉलिसी बारिश या बाढ़ के कारण हुए नुकसान को कवर करती हैं।
अलग से जोड़ने की आवश्यकताकुछ पॉलिसी में अपनी जरूरतों के अनुसार अलग से चीजों को जोड़ना पड़ सकता है। जैसे बाढ़ को अलग से कवर करने के लिए अतिरिक्त प्रीमियम या ऐड-ऑन की आवश्यकता हो सकती है। प्राकृतिक आपदाओं से होने वाला नुकसान की भी भरपाई हो जाती है। जिसमें बिजली के उपकारणों के खराब होने, पानी के रिसाव से दीवारों या फर्श या छत को हुए नुकसान की भी भरपाई की जा सकती है।
बीमा का लाभ कैसे लें- यदि आप बीमा क्लेम का लाभ लेना चाहते हैं तो इसके लिए नुकसान होने पर तुरंत बीमा कंपनी को सूचित करें।
- घटना के बाद 24-48 घंटों के अंदर ही क्लेम दर्ज करवाएं।
- शिकायत करने के बाद सर्वेयर की जांच की जाती है।
- सभी सबूत दिखाने के बाद क्लेम स्वीकार किया जाएगा।
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