अनिल अंबानी के मुंबई स्थित घर पर आज सुबह CBI ने छापेमारी की। यह छापा 3,073 करोड़ रुपए के बैंक फ्रॉड मामले में किया गया है। करीब सात-आठ अधिकारी सुबह 7 बजे सी विंड किफे परेड में उनके आवास पर पहुंचे और तलाशी अभियान शुरू किया।
बताया जा रहा है कि सात से आठ अधिकारी वहां मौजूद हैं और तब से तलाशी अभियान जारी है। अनिल अंबानी और उनके परिवार के सदस्य भी तलाशी के दौरान घर पर मौजूद हैं। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) की शिकायत के आधार पर दिल्ली में अनिल अंबानी, उनकी कंपनियों और अन्य के खिलाफ नई FIR दर्ज की गई है।
SBI ने RCOM पर टोटल 3,073 करोड़ रुपए के घोटाले का आरोप लगाया
SBI ने अपनी शिकायत में अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस लिमिटेड (RCOM) पर टोटल 3,073 करोड़ रुपए के घोटाले का आरोप लगाया है। इससे पहले बैंक ने 10 नवंबर 2020 को अनिल अंबानी और RCOM के प्रमोटर्स को 'फ्रॉड' घोषित किया था और 5 जनवरी 2021 को CBI में शिकायत दर्ज कराई थी। हालांकि, यह शिकायत 6 जनवरी 2021 को दिल्ली हाईकोर्ट के 'स्टेटस क्वो' आदेश के कारण वापस कर दी गई थी।
SBI ने अब आधिकारिक रूप से RCOM और अनिल अंबानी को 'फ्रॉड' घोषित किया
वित्त मंत्रालय में राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने शुक्रवार को लोकसभा में जानकारी दी कि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने अब आधिकारिक रूप से रिलायंस कम्युनिकेशंस लिमिटेड और उसके प्रमोटर डायरेक्टर अनिल डी अंबानी को 'फ्रॉड' घोषित किया है। मंत्री ने बताया कि SBI ने 13 जून 2025 को RBI के नियमों और अपनी खुद की पॉलिसी के हिसाब से रिलायंस कम्युनिकेशंस (RCOM) और अनिल अंबानी को फ्रॉड यानी धोखाधड़ी वाला मामला माना। इसके बारे में RCOM के जिम्मेदार अधिकारी ने 1 जुलाई 2025 को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज को भी सूचित किया। मंत्री ने आगे बताया कि SBI का RCOM के ऊपर कुल कर्ज करीब 2,228 करोड़ रुपए है, जिसमें 26 अगस्त 2016 से जमा हुआ ब्याज और खर्च भी शामिल है। इसके अलावा बैंक ने RCOM के लिए 786 करोड़ रुपए के बैंक गारंटी भी दी हुई हैं।
दिवालिया प्रक्रिया से गुजर रही है RCOM
अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस (RCOM) इस समय दिवालिया प्रक्रिया (Corporate Insolvency Resolution Process - CIRP) से गुजर रही है। यह प्रोसेस 2016 के दिवालियापन और शोधन अक्षमता कानून (IBC) के तहत चल रही है।
NCLT में दाखिल की गई थी समाधान योजना
कर्ज देने वाले बैंकों की समिति ने कंपनी के लिए एक समाधान योजना पास की थी। यह योजना 6 मार्च 2020 को नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) मुंबई में जमा की गई, लेकिन अभी तक इसकी अंतिम मंजूरी नहीं मिल पाई है।
अनिल अंबानी के खिलाफ भी कार्रवाई
SBI ने सिर्फ कंपनी के खिलाफ ही नहीं, बल्कि अनिल अंबानी के खिलाफ भी व्यक्तिगत दिवालिया प्रोसेस (पर्सनल इनसॉल्वेन्सी) शुरू की है। इस मामले की सुनवाई भी NCLT मुंबई में चल रही है।
पहले भी किया गया था फ्रॉड का आरोप
यह पहली बार नहीं है जब RCOM और अनिल अंबानी पर ऐसे आरोप लगे हैं। नवंबर 2020 में SBI ने दोनों को 'फ्रॉड' घोषित किया था और जनवरी 2021 में CBI को शिकायत भेजी थी। लेकिन 27 मार्च 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फैसला दिया। कोर्ट ने कहा कि किसी भी उधारकर्ता को फ्रॉड घोषित करने से पहले उसे अपनी बात रखने का पूरा मौका मिलना चाहिए। इस फैसले के बाद SBI ने 2 सितंबर 2023 को अनिल अंबानी और RCOM का फ्रॉड वाला दर्जा वापस ले लिया था। बाद में 15 जुलाई 2024 को RBI ने एक नया सर्कुलर जारी किया। इसके अनुसार SBI ने पूरी प्रक्रिया दोबारा पूरी की और फिर से RCOM और अनिल अंबानी को सभी नियमों के तहत 'फ्रॉड' घोषित कर दिया।
बताया जा रहा है कि सात से आठ अधिकारी वहां मौजूद हैं और तब से तलाशी अभियान जारी है। अनिल अंबानी और उनके परिवार के सदस्य भी तलाशी के दौरान घर पर मौजूद हैं। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) की शिकायत के आधार पर दिल्ली में अनिल अंबानी, उनकी कंपनियों और अन्य के खिलाफ नई FIR दर्ज की गई है।
SBI ने RCOM पर टोटल 3,073 करोड़ रुपए के घोटाले का आरोप लगाया
SBI ने अपनी शिकायत में अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस लिमिटेड (RCOM) पर टोटल 3,073 करोड़ रुपए के घोटाले का आरोप लगाया है। इससे पहले बैंक ने 10 नवंबर 2020 को अनिल अंबानी और RCOM के प्रमोटर्स को 'फ्रॉड' घोषित किया था और 5 जनवरी 2021 को CBI में शिकायत दर्ज कराई थी। हालांकि, यह शिकायत 6 जनवरी 2021 को दिल्ली हाईकोर्ट के 'स्टेटस क्वो' आदेश के कारण वापस कर दी गई थी।
SBI ने अब आधिकारिक रूप से RCOM और अनिल अंबानी को 'फ्रॉड' घोषित किया
वित्त मंत्रालय में राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने शुक्रवार को लोकसभा में जानकारी दी कि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने अब आधिकारिक रूप से रिलायंस कम्युनिकेशंस लिमिटेड और उसके प्रमोटर डायरेक्टर अनिल डी अंबानी को 'फ्रॉड' घोषित किया है। मंत्री ने बताया कि SBI ने 13 जून 2025 को RBI के नियमों और अपनी खुद की पॉलिसी के हिसाब से रिलायंस कम्युनिकेशंस (RCOM) और अनिल अंबानी को फ्रॉड यानी धोखाधड़ी वाला मामला माना। इसके बारे में RCOM के जिम्मेदार अधिकारी ने 1 जुलाई 2025 को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज को भी सूचित किया। मंत्री ने आगे बताया कि SBI का RCOM के ऊपर कुल कर्ज करीब 2,228 करोड़ रुपए है, जिसमें 26 अगस्त 2016 से जमा हुआ ब्याज और खर्च भी शामिल है। इसके अलावा बैंक ने RCOM के लिए 786 करोड़ रुपए के बैंक गारंटी भी दी हुई हैं।
दिवालिया प्रक्रिया से गुजर रही है RCOM
अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस (RCOM) इस समय दिवालिया प्रक्रिया (Corporate Insolvency Resolution Process - CIRP) से गुजर रही है। यह प्रोसेस 2016 के दिवालियापन और शोधन अक्षमता कानून (IBC) के तहत चल रही है।
NCLT में दाखिल की गई थी समाधान योजना
कर्ज देने वाले बैंकों की समिति ने कंपनी के लिए एक समाधान योजना पास की थी। यह योजना 6 मार्च 2020 को नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) मुंबई में जमा की गई, लेकिन अभी तक इसकी अंतिम मंजूरी नहीं मिल पाई है।
अनिल अंबानी के खिलाफ भी कार्रवाई
SBI ने सिर्फ कंपनी के खिलाफ ही नहीं, बल्कि अनिल अंबानी के खिलाफ भी व्यक्तिगत दिवालिया प्रोसेस (पर्सनल इनसॉल्वेन्सी) शुरू की है। इस मामले की सुनवाई भी NCLT मुंबई में चल रही है।
पहले भी किया गया था फ्रॉड का आरोप
यह पहली बार नहीं है जब RCOM और अनिल अंबानी पर ऐसे आरोप लगे हैं। नवंबर 2020 में SBI ने दोनों को 'फ्रॉड' घोषित किया था और जनवरी 2021 में CBI को शिकायत भेजी थी। लेकिन 27 मार्च 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फैसला दिया। कोर्ट ने कहा कि किसी भी उधारकर्ता को फ्रॉड घोषित करने से पहले उसे अपनी बात रखने का पूरा मौका मिलना चाहिए। इस फैसले के बाद SBI ने 2 सितंबर 2023 को अनिल अंबानी और RCOM का फ्रॉड वाला दर्जा वापस ले लिया था। बाद में 15 जुलाई 2024 को RBI ने एक नया सर्कुलर जारी किया। इसके अनुसार SBI ने पूरी प्रक्रिया दोबारा पूरी की और फिर से RCOM और अनिल अंबानी को सभी नियमों के तहत 'फ्रॉड' घोषित कर दिया।
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