Next Story
Newszop

UIDAI ने सहकारी बैंकों के लिए लॉन्च किया आधार प्रमाणीकरण ढाँचा

Send Push

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने 21 अगस्त, 2025 को घोषणा की कि भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने सहकारी बैंकों को शामिल करने के लिए एक नया आधार-आधारित प्रमाणीकरण ढाँचा शुरू किया है, जिससे अंतिम छोर तक बैंकिंग और डिजिटल समावेशन को बढ़ावा मिलेगा। सहकारिता मंत्रालय, नाबार्ड, एनपीसीआई और सहकारी बैंकों के सुझावों के आधार पर विकसित यह ढाँचा देश भर के सभी 34 राज्य सहकारी बैंकों (एससीबी) और 352 जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों (डीसीसीबी) को कवर करता है।

यह सुव्यवस्थित प्रणाली आधार सेवा को अपनाना आसान बनाती है और इसे लागत-प्रभावी बनाती है। केवल एससीबी ही यूआईडीएआई के साथ प्रमाणीकरण उपयोगकर्ता एजेंसियों (एयूए) और ई-केवाईसी उपयोगकर्ता एजेंसियों (केयूए) के रूप में पंजीकृत होंगे, जिससे डीसीसीबी अपने आईटी बुनियादी ढांचे का उपयोग कर सकेंगे। इससे डीसीसीबी को अलग-अलग प्रणालियाँ बनाए रखने की आवश्यकता समाप्त हो जाएगी, जिससे लागत कम होगी और दक्षता बढ़ेगी।

यह ढाँचा सहकारी बैंकों को बायोमेट्रिक ई-केवाईसी और चेहरे के प्रमाणीकरण जैसी आधार-सक्षम सेवाएँ प्रदान करने में सक्षम बनाता है, जिससे ग्राहकों का जुड़ाव आसान हो जाता है, खासकर ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में। यह सहकारी बैंक खातों में सब्सिडी और कल्याणकारी भुगतानों को सीधे जमा करने की सुविधा प्रदान करता है, जिससे वित्तीय सेवाओं तक पहुँच में सुधार होता है। इसके अतिरिक्त, बैंक आधार सक्षम भुगतान प्रणाली (AePS) और आधार भुगतान ब्रिज सेवाएँ प्रदान कर सकते हैं, जिससे सुरक्षित डिजिटल लेनदेन और वित्तीय समावेशन को बढ़ावा मिलता है।

अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष के उपलक्ष्य में शुरू की गई यह पहल भारत के वित्तीय पारिस्थितिकी तंत्र में सहकारी बैंकों की भूमिका को मज़बूत करती है। आधार के बुनियादी ढाँचे का लाभ उठाकर, 380 से अधिक सहकारी बैंक ग्राहकों के लिए, विशेष रूप से वंचित क्षेत्रों में, पहुँच और सुरक्षा बढ़ाएँगे, जिससे निर्बाध बैंकिंग संचालन सुनिश्चित होगा।

डिजिटल बैंकिंग में इस परिवर्तनकारी कदम के बारे में अपडेट रहें, क्योंकि सहकारी बैंक 2025 में आधार-आधारित सेवाओं के माध्यम से वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देंगे।

Loving Newspoint? Download the app now