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चीनी बनाम गुड़: कोलेस्ट्रॉल मरीजों के लिए क्या है बेहतर

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मीठा खाने की क्रेविंग कभी भी हो सकती है – सुबह हो या आधी रात! अक्सर हम बिना सोचे-समझे मीठा खा लेते हैं, लेकिन अगर आपका कोलेस्ट्रॉल बढ़ा हुआ है, तो क्या ये सही है? ऐसे में सवाल उठता है कि मीठा खाने के लिए चीनी बेहतर है या फिर गुड़? आइए जानते हैं एक्सपर्ट्स की राय।

क्या है बेहतर: शुगर या गुड़?
चीनी और गुड़ दोनों का इस्तेमाल मिठास बढ़ाने के लिए किया जाता है, लेकिन हेल्थ के लिहाज से फर्क बड़ा है। चीनी प्रोसेस्ड और रिफाइंड होती है जबकि गुड़ नेचुरल शुगर से भरपूर रहता है। जहां ज्यादा चीनी नुकसान पहुंचा सकती है, वहीं बैलेंस करके खाया गया गुड़ सेहत के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।

हाई कोलेस्ट्रॉल में चीनी के नुकसान:

चीनी का ज्यादा सेवन डायबिटीज, हार्ट डिजीज और मोटापे का कारण बन सकता है।

इससे ट्राइग्लिसराइड्स का लेवल बढ़ता है, जो दिल की सेहत के लिए खतरा है।

एलडीएल (बुरा कोलेस्ट्रॉल) बढ़कर आर्टरी में प्लाक जमा कर सकता है।

मोटापा और इंसुलिन रेजिस्टेंस जैसी समस्याएं बढ़ती हैं।

ज्यादा चीनी सूजन और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को भी बढ़ा सकती है।

अगर मीठा खाने का मन करे तो क्या खाएं?

चीनी छोड़कर गुड़ को अपनाएं। गुड़ में मौजूद मिनरल्स और एंटीऑक्सीडेंट कोलेस्ट्रॉल लेवल को कंट्रोल करने में मदद करते हैं।

फलों जैसे सेब, नाशपाती आदि में नेचुरल शुगर और फाइबर होता है, जो बेहतर विकल्प हैं।

गुड़ पाचन को भी दुरुस्त करता है और शरीर से टॉक्सिन्स बाहर निकालने में मदद करता है।

जरूरी सावधानियां:

प्रोसेस्ड फूड्स और पैकेज्ड स्नैक्स से दूरी बनाएं।

बैलेंस डाइट में फाइबर, प्रोटीन और हेल्दी फैट शामिल करें।

नेचुरल शुगर के स्रोत जैसे ताजे फल प्राथमिकता दें।

निष्कर्ष:
अगर हाई कोलेस्ट्रॉल है तो चीनी से दूरी बनाना ही समझदारी है। गुड़ या फल जैसे नेचुरल विकल्प बेहतर हैं, लेकिन इन्हें भी संतुलित मात्रा में ही लें। हेल्दी डाइट और एक्टिव लाइफस्टाइल को अपनाकर कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल किया जा सकता है।

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