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जेएनयू छात्रसंघ चुनाव- अध्यक्ष पद पर काफ़ी देर बढ़त बनाने के बाद एबीवीपी पीछे

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N Sai Balaji जेएनयू छात्रसंघ चुनावों के वोटों की गिनती जारी है (सांकेतिक तस्वीर)

दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी के छात्रसंघ चुनावों में काफ़ी देर तक बढ़त बनाने के बाद एबीवीपी उम्मीदवार शिखा स्वराज अध्यक्ष पद पर फ़िलहाल पीछे हो गई हैं.

जेएनयू छात्रसंघ चुनावों के लिए वोटों की गिनती अब अंतिम दौर की तरफ है. उम्मीद की जा रही है कि चुनावों के नतीजे रविवार देर रात तक आ सकते हैं.

जेनयू में इस बार यानी साल 2024-25 के चुनावों में क़रीब 70 फ़ीसदी वोटिंग हुई है. यह पिछले साल के चुनावों के मुक़ाबले थोड़ा कम है.

समाचार एजेंसी पीटीआई ने बताया है कि 7,906 वोटरों में से 5,500 वोटरों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया है.

एक नज़र डालते हैं इस बार के चुनावों की ख़ास बातों पर..

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छात्र आरजेडी की काउंसलर पद पर जीत image @RJDforIndia छात्र आरजेडी ने काउंसलर के एक पद पर जीत हासिल की है

इस साल जेएनयू छात्रसंघ चुनावों के लिए 25 अप्रैल यानी शुक्रवार को वोटिंग संपन्न हुई और इसके बाद वोटों की गिनती शुरू हुई.

इस बार के चुनावों में वाम दलों के छात्र संगठनों का पुराना गठबंधन काफ़ी हद तक बिखरा हुआ नज़र आ रहा है. पिछले क़रीब आठ साल से एक साथ रहे आईसा, एसएफ़आई और बाक़ी दल अलग-अलग चुनाव में उतरे हैं. माना जा रहा है कि इसका फ़ायदा अन्य दलों के मिल सकता है.

जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष एन साई बालाजी ने बीबीसी को बताया कि इस बार चुनाव से पहले एसएफ़आई और एआईएसए अलग हो गए- इससे पहले साल 2016 से वाम दलों का गठबंधन एक साथ था और अलग-अलग पद पर अलग अलग छात्र संगठन के उम्मीदवार लड़ते थे.

उन्होंने कहा, "साल 2016 में एआईएसए और एसएफ़आई एक साथ थे. साल 2017 में इस गठबंधन में डीएफ़एस भी जुड़ गया और इसके अगले साल इसमें एआईएसएफ़ भी शामिल हो गया."

एन साई बालाजी ने बताया, "पिछली बार यूनिवर्सिटी के चार प्रमुख पदों पर वाम दलों के छात्र संगठनों की जीत हुई थी, जिनमें अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, महासचिव और संयुक्त सचिव के पद शामिल हैं."

उन्होंने बताया है कि इसके अलावा यूनिवर्सिटी में काउंसलर के 44 पद हैं, जिनके लिए भी वोटिंग हुई है.

image @abvpjnu एबीवीपी की उम्मीदवार शिखा स्वराज (बीच में)

जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष पद पर एबीवीपी की उम्मीदवार शिखा स्वराज ने बीबीसी को बताया है कि इनमें से 23 पदों पर एबीवीपी समर्थित उम्मीदवारों की जीत हुई है.

हालांकि जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष एन साई बालाजी ने दावा किया है कि काउंसलर पद पर जीते चार निर्दलीयों को एबीवीपी अपनी जीत बता रही है, जबकि हक़ीकत में 44 में, बहुमत में जीत एबीवीपी विरोधियों का हुआ है.

राष्ट्रीय जनता दल के छात्र संगठन के उम्मीदवार की स्कूल ऑफ़ इंटरनेशनल स्टडीज़ के काउंसलर पद पर जीत, जेएनयू छात्रसंघ चुनावों के लिए अब तक हुई मतगणना में सबसे ख़ास बात रही है.

पर इस जीत के जश्न की तस्वीर भी शेयर की है.

उसने लिखा है, "देश के सबसे प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय जेएनयू दिल्ली के छात्रसंघ चुनावों में छात्र राजद के काउंसलर पद के उम्मीदवार श्री रवि राज ने भारी मतों से स्कूल ऑफ़ इंटरनेशनल स्टडीज़ में जीत दर्ज की है."

अध्यक्ष पद पर कौन आगे image N Sai Balaji एआईएसए-डीएसफ़ के नीतीश कुमार ने काफ़ी देर पीछे रहने के बाद बढ़त बनाई

ख़बर लिखे जाने तक जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष पद के लिए क़रीब 4000 वोटों की गिनती हुई है.

इसमें एआईएसए-डीएसफ़ के नीतीश कुमार आगे हो गए हैं. उन्हें अब तक 1216 वोट मिले हैं.

वहीं एबीवीपी की शिखा स्वराज काफ़ी देर तक आगे रहने के बाद 1117 वोटों के साथ दूसरे नंबर पर हैं.

हालांकि अभी क़रीब डेढ़ हज़ार वोट गिने जाने बाक़ी हैं.

जेएनयू छात्रसंघ के उपाध्यक्ष पद की बात करें तो इस पद पर भी एबीवीपी की नीतू गौतम सबसे आगे हैं.

उन्हें अब तक 958 वोट मिले हैं, जबकि एआईएसए-डीएसफ़ गठबंधन की मनीषा को 888 वोट मिले हैं.

एबीवीपी और लेफ़्ट के बीच कांटे की टक्कर image Rajeshwar Kant Dubey एबीवीपी ने इस साल जेएनयू छात्रसंघ के चुनावों में कांटे की टक्कटर दी है

जेनएयू छात्रसंघ चुनावों के लिए हुए वोटिंग में फ़िलहाल एबीवीपी के कुणाल राय महासचिव पद पर सबसे आगे हैं, अब तक उन्हें 1142 वोट मिले हैं.

जबकि इस पद पर मुंतेहा फ़ातिमा दूसरे नंबर पर चल रही हैं, उन्हें 1064 वोट मिले हैं. मुंतेहा एआईएसए-डीएसएफ़ की उम्मीदवार हैं.

उनके ठीक नीचे तीसरे नंबर पर निर्दलीय उम्मीदवार यारी नयम हैं जिन्हें अब तक 662 वोट हासिल हुए हैं.

संयुक्त सचिव पद की बात करें तो इस पद पर भी एबीवीवी ही सबसे आगे चल रही है. इसके उम्मीदवार को वैभव मीणा को अब तक 1218 वोट मिले हैं.

वहीं एआईएसए-डीएसएफ़ के नरेश कुमार को संयुक्त सचिव पद की लड़ाई में 1038 वोट मिले हैं.

ज़ाहिर है यूनिवर्सिटी की चारों प्रमुख सीटों पर फ़िलहाल बीजेपी समर्थित छात्र संगठन एबीवीपी की बढ़त है.

फिलहाल सभी उम्मीदवारों और छात्र संगठनों की नज़र वोटों की गिनती पर बनी हुई है.

उम्मीद की जा रही है कि आज यानी रविवार देर रात तक इन चुनाव परिणामों की तस्वीर स्पष्ट हो सकती है.

बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित

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