कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीना ने गुरुवार को किशनगढ़ में नकली खाद बनाने वाली फैक्ट्री पकड़ी थी। वे खुद एक टेंपो में बैठकर फैक्ट्री पर छापा मारने पहुंचे थे। अब विपक्ष ने इस पर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने फेसबुक पर पोस्ट कर कृषि राज्यमंत्री भागीरथ चौधरी पर निशाना साधा है। टीकाराम जूली ने लिखा- 'देश के कृषि राज्यमंत्री और भाजपा के विधानसभा प्रत्याशी के क्षेत्र में नकली डीएपी खाद बन रही है...ये रिश्ता क्या कहलाता है?' गोविंद सिंह डोटासरा ने लिखा- 'कल्पना कीजिए, जब एक केंद्रीय राज्यमंत्री के संसदीय क्षेत्र किशनगढ़ में नकली डीएपी खाद का कारोबार जोरों पर है और किसानों के साथ विश्वासघात हो रहा है, तो देश के बाकी हिस्सों में क्या हाल होगा?'
वहीं, किरोड़ी लाल मीना ने भी दोनों नेताओं की पोस्ट पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा- ये पिछली सरकार का कबाड़ा है। इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। मीना आज भी किशनगढ़ के दौरे पर हैं। आपको बता दें कि फैक्ट्री किशनगढ़ के उदयपुर कलां इलाके में थी। फैक्ट्री में नकली डीएपी, एसएपी और पोटेशियम बनाया जा रहा था। इसके बाद विपक्ष ने सवाल उठाए। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने अपने ऑफिशियल पेज पर लिखा- कृषि राज्यमंत्री के घर में मार्बल पाउडर और मिट्टी पर रंग लगाकर नकली डीएपी बनाने की फैक्ट्रियां चल रही हैं, लेकिन हैरानी की बात है कि सरकार से लेकर अधिकारियों तक किसी को भनक तक नहीं है। या फिर भाजपा नेता अपना जमीर बेचकर जहर का सौदा कर रहे थे? अगर नहीं तो अधिकारियों ने कार्रवाई क्यों नहीं की, किसका दबाव था।
नकली खाद का यह पर्दाफाश भाजपा सरकार में व्याप्त भ्रष्टाचार की निशानी है। डबल इंजन की सरकार में दोहरा भ्रष्टाचार और छलावा है। जुमलेबाजों की सरकार में किसान जमीन में जहर बोने को मजबूर हैं। शर्मनाक! सरकार जांच करवाए और दोषियों और कमीशनखोरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे। अगर किसानों के साथ विश्वासघात हो रहा है तो देश के बाकी हिस्सों में क्या हाल होगा? अगर किसानों के साथ विश्वासघात हो रहा है तो देश के बाकी हिस्सों में क्या हाल होगा?
टीकाराम जूली - ये रिश्ता क्या कहलाता है?
नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने लिखा - देश के कृषि राज्य मंत्री और भाजपा विधानसभा प्रत्याशी के क्षेत्र में नकली डीएपी खाद बनाई जा रही है...ये रिश्ता क्या कहलाता है? राज्य सरकार के एक मंत्री के निरीक्षण के दौरान नकली डीएपी खाद बनाने वाली फैक्ट्री का पर्दाफाश हो जाएगा, इससे पता चलता है कि राज्य में सरकार और प्रशासन की मिलीभगत किस स्तर तक पहुंच गई है। मार्बल वेस्ट, बजरी और मिट्टी से तैयार की जा रही खाद हमारे अन्नदाताओं की जान और जमीन के साथ विश्वासघात है।
ये एक सुनियोजित गिरोह की ओर इशारा करता है, जिम्मेदारों को बताना चाहिए कि...
ये नकली खाद कहां सप्लाई की जा रही है?
इस अवैध कारोबार में किसकी क्या हिस्सेदारी और संरक्षण है?
क्या इस कारोबार में खाद्य विभाग, कृषि विभाग और स्थानीय प्रशासन की भूमिका साजिश नहीं है?
क्या मुख्यमंत्री किसानों के साथ हो रहे इस विश्वासघात पर सख्ती दिखाएंगे या फिर चुपचाप इसका समर्थन करेंगे?
क्या सरकार इस डीएपी से बर्बाद हुए खेतों का मुआवजा किसानों को देगी?
क्या केंद्र सरकार अपने राज्यमंत्री की मिलीभगत की जांच कराएगी?
किरोड़ी लाल मीना ने किया पलटवार
किरोड़ी लाल मीना आज भी किशनगढ़ के दौरे पर हैं। उन्होंने डोटासरा और टीकाराम जूली की पोस्ट पर पलटवार करते हुए कहा- यह मौजूदा नहीं, पिछली सरकार का कबाड़ा है। ये योजनाएं 2018 से और कई 2013 से चल रही हैं। इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री भागीरथ चौधरी का इससे कोई लेना-देना नहीं है। वे किसानों के हितैषी हैं। वे एकमात्र ऐसे नेता हैं, जो किसान लगते हैं और किसानों के हित के लिए लड़ते हैं। कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीना ने गुरुवार को नकली खाद बनाने वाली फैक्ट्री पकड़ी। यहां नकली डीएपी, एसएपी और पोटाशियम बनाया जा रहा था।
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