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झूठी जानकारी देकर नियुक्ति पाने का मामला, मोहनलाल सुखाड़िया यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डॉ. महेंद्र सिंह ढाका के खिलाफ मुकदमा दर्ज

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मोहनलाल सुखाड़िया यूनिवर्सिटी (MLSU) में नियुक्ति घोटाले से जुड़ा एक गंभीर मामला सामने आया है। शैक्षिक अनुभव की झूठी जानकारी देकर प्रोफेसर पद प्राप्त करने के आरोप में डॉ. महेंद्र सिंह ढाका के खिलाफ उदयपुर के प्रतापनगर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है। यह मामला बुधवार को यूनिवर्सिटी प्रशासन की शिकायत पर दर्ज हुआ।

फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र का आरोप

जानकारी के अनुसार, डॉ. महेंद्र सिंह ढाका पर आरोप है कि उन्होंने प्रोफेसर पद के लिए आवेदन करते समय अनुभव से संबंधित गलत जानकारी और फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत किए थे। आरोप है कि उन्होंने अपनी शिक्षण सेवा का अनुभव अवधि बढ़ा-चढ़ाकर बताई, जिससे उन्हें चयन प्रक्रिया में अनुचित लाभ मिला।

यूनिवर्सिटी प्रशासन ने प्राथमिक जांच में इस आरोप को गंभीर पाया और संबंधित दस्तावेजों की जांच के बाद मामला पुलिस को सौंप दिया।

प्रशासन ने की विभागीय जांच की शुरुआत

विश्वविद्यालय प्रशासन ने बताया कि इस मामले में 6 और 7 सदस्यीय जांच समिति गठित की गई है, जो दस्तावेज़ों और चयन प्रक्रिया की पारदर्शिता की पड़ताल करेगी। समिति से कहा गया है कि वह जल्द से जल्द अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करे ताकि आगे की कार्रवाई तय की जा सके।

यूनिवर्सिटी के कुलसचिव ने बताया कि संस्थान में पारदर्शी और निष्पक्ष भर्ती प्रक्रिया बनाए रखना प्राथमिकता है, और यदि कोई उम्मीदवार झूठी जानकारी देकर चयनित पाया जाता है तो उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।

पुलिस ने शुरू की जांच

प्रतापनगर थाना पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है और अब इस पूरे मामले की तकनीकी और दस्तावेज़ी जांच शुरू कर दी है। पुलिस का कहना है कि यूनिवर्सिटी से संबंधित सभी दस्तावेज़ मांगे गए हैं और संबंधित लोगों से बयान भी लिए जा रहे हैं।
थाना अधिकारी ने बताया कि “प्राथमिक जांच में कुछ विसंगतियाँ सामने आई हैं, जिन्हें सत्यापित किया जा रहा है। जांच के बाद उचित कानूनी कदम उठाए जाएंगे।”

विश्वविद्यालय में चर्चा का विषय

इस मामले ने विश्वविद्यालय परिसर में हलचल मचा दी है। कई शिक्षकों और छात्रों ने कहा है कि यदि आरोप सही साबित होते हैं, तो यह न केवल यूनिवर्सिटी की साख को नुकसान पहुँचाएगा, बल्कि आने वाली भर्तियों की पारदर्शिता पर भी सवाल खड़े करेगा।

उच्च शिक्षा विभाग की नजर

सूत्रों के अनुसार, राज्य उच्च शिक्षा विभाग ने भी इस मामले की जानकारी ली है और यूनिवर्सिटी प्रशासन से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। विभाग यह सुनिश्चित करना चाहता है कि भविष्य में ऐसी अनियमितताएँ न हों।

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