राजस्थान सरकार 5 जून से 20 जून तक पूरे प्रदेश में 'वंदे गंगा जल संरक्षण-जन अभियान' चलाएगी। अभियान का शुभारंभ गंगा दशहरा और विश्व पर्यावरण दिवस के पावन अवसर पर किया जाएगा। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने रविवार को इसकी घोषणा करते हुए सभी विभागों और आम नागरिकों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। जयपुर में सीएम आवास पर बैठक में मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि अभियान के पहले दिन हर गांव में कम से कम एक जल संरक्षण कार्य शुरू किया जाए।
सीएम भजनलाल ने कहा कि पारंपरिक जल स्रोतों का पुनरुद्धार, जलाशयों की सफाई, जल संचयन संरचनाओं का निर्माण और वृक्षारोपण जैसी गतिविधियां पूरे अभियान का आधार होंगी। बरसात से पहले बांधों, एनीकटों और नहरों की मरम्मत कर बारिश के पानी को व्यर्थ बहने से रोकना प्राथमिकता होनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि जल संरक्षण को लेकर सरकारी कार्यालयों में संकल्प कार्यक्रम आयोजित किए जाएं और जिला स्तर पर विभिन्न विभागों द्वारा संयुक्त श्रमदान किया जाए। सीएम ने कहा कि अभियान में स्वयंसेवी संस्थाओं, समाजसेवियों और सीएसआर फंडिंग से भी वित्तीय सहयोग लिया जाएगा।
10 जून को 'कर्मभूमि से मातृभूमि' अभियान के तहत पूर्ण हो चुके जल संरक्षण कार्यों का लोकार्पण और नए कार्यों को मंजूरी दी जाएगी। इस अवसर पर उत्कृष्ट योगदान देने वाले व्यक्तियों और संस्थाओं को सम्मानित किया जाएगा। इस अभियान का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए। सोशल मीडिया, वीडियो फिल्म, गीत, नुक्कड़ नाटक और धर्मगुरुओं के संदेशों के माध्यम से आमजन को जल संरक्षण के प्रति जागरूक किया जाए। राजीविका महिलाएं, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और जनप्रतिनिधि भी अभियान का हिस्सा बनें। मुख्य सचिव सुधांश पंत और अन्य विभागीय अधिकारियों की मौजूदगी में हुई इस बैठक में जल संकट से निपटने की रणनीतिक योजना पर विस्तार से चर्चा की गई।
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