राजस्थान के दो प्रमुख तीर्थस्थलों खाटूश्यामजी और सालासर में, जहां श्रद्धालुओं की आस्था सातवें आसमान पर है, हवाई यात्रा अब सरकारी नियमों के शिकंजे में फंस गई है। एक निजी कंपनी ने 23 अगस्त से हेलीकॉप्टर सेवा शुरू की थी, लेकिन प्रशासनिक अनुमति के अभाव में यह पहल रुक गई। सीकर में एक दिन की अनुमति मिली, चूरू में एक भी नहीं। दरअसल, राज्य में हवाई पट्टी तक आने वाले हेलीकॉप्टरों को विभिन्न प्रकार के शुल्क लेकर अनुमति देने के नियम हैं, लेकिन हेलीपैड पर नियमित सेवा की अनुमति को लेकर दिशा-निर्देश नहीं होने से सीकर और चूरू जिला प्रशासन असमंजस में है। निजी कंपनी को अनुमति नहीं मिलने पर अब हेलीकॉप्टर सेवा बंद कर दी गई है। हालांकि, कंपनी की ओर से लगातार बुकिंग की जा रही है। इस मामले में श्रद्धालुओं का कहना है कि जब वैष्णो देवी और केदारनाथ में नियमित सेवा के लिए नियम तय हैं, तो यहां क्यों नहीं?
प्रशासन ने नहीं दी अनुमति
जब खाटूश्यामजी-सालासर हवाई सेवा की अनुमति की पड़ताल की गई तो पता चला कि कंपनी को सीकर जिले में एक दिन की अनुमति दी गई थी, जबकि चूरू जिला प्रशासन ने एक दिन की भी अनुमति नहीं दी। नियमों के चलते अनुमति की फाइल अटकी हुई है। कंपनी का दावा है कि हवाई सेवा जल्द ही गति पकड़ेगी। खराब मौसम के कारण सेवा बंद कर दी गई है।
ये हैं बाधाएं
1. स्थायी हेलीपैड नहीं: खाटूश्यामजी और सालासर में रोजाना वीआईपी आते हैं। इसके बावजूद, राज्य के दोनों प्रमुख धार्मिक स्थलों पर स्थायी हेलीपैड नहीं है।
2. एयर टैक्सी सेवा के नियम: अधिकांश जिलों के जिला कलेक्टरों के पास विमानन नीति के दिशानिर्देश ही नहीं हैं। ऐसे में अगर कोई कंपनी यहां सेवा शुरू करना भी चाहे, तो मामला नियमों में उलझ जाता है।
कई कारणों से अनुमति अटकी हुई है
एक निजी कंपनी को एयर टैक्सी के लिए एक दिन की अनुमति दी गई थी। अलग हेलीपैड न होने और अनुमति राज्य सरकार के स्तर पर जारी होने के कारण आगे की अनुमति नहीं मिल पाई है।
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