
इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर जिले के महू में पाथ इंडिया लिमिटेड (प्रकाश एस्फाल्टिंग एंड टोल हाईवेज इंडिया लिमिटेड) समूह के ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार सुबह छापामार कार्रवाई की है। ईडी की टीम पांच-छह गाड़ियों में महू स्थित पाथ के घर और दफ्तर पहुंची हैं।
ईडी के अधिकारी सुबह-सुबह पाथ ग्रुप के प्रबंध निदेशक (एमडी) नितिन अग्रवाल के महू में आर्मी क्षेत्र में स्थित माल रोड के बंगले नंबर 76 पर पहुंचे, जहां ईडी के अधिकारी दस्तावेज, कंप्यूटर और डिजिटल डिवाइस की जांच कर रहे हैं। बंगले का मुख्य द्वार बाहर से बंद कर दिया गया है और सुरक्षा के लिए पुलिस बल तैनात किया गया है।
पाथ ग्रुप के एमडी नितिन अग्रवाल हैं, जबकि निपुण अग्रवाल, सक्षम अग्रवाल, नीति अग्रवाल और संतोष अग्रवाल डायरेक्टर के पद पर हैं। इसके अलावा आशीष अग्रवाल और आदित्य उपाध्याय इंडिपेंडेंट डायरेक्टर हैं। इंडियन स्ट्रीट प्रीमियर लीग (आईएसपीएल) की मुंबई टीम में पाथ इंडिया लिमिटेड के डायरेक्टर नीतिन अग्रवाल सह-मालिक के रूप में जुड़ी है। जहां ईडी ने कार्रवाई की है, यह कंपनी सेना के लिए महू में लड़ाकू ड्रोन भी तैयार कर रही है। पाथ इंडिया लिमिटेड ने कानपुर आईआईटी की स्टार्टअप कंपनी वीयू डायनामिक के साथ महू की पाथ इंडिया लिमिटेड ने हाथ भी मिलाया है। इसके साथ ही पाथ इंडिया लिमिटेड पूरे देश में रोड बनाने का काम करता है। इनके देश में कई जगह पर टोल टैक्स भी हैं।
बताया जा रहा है कि यह छापेमारी अनिल अंबानी से संबंधित बैंक लोन घोटाले की जांच का हिस्सा है। ईडी को इनपुट मिले थे कि अनिल अंबानी की एक कंपनी और पाथ ग्रुप के बीच कई निर्माण कार्यों को लेकर समझौते हुए हैं। ईडी को संदेह है कि इन समझौतों की आड़ में करोड़ों रुपये की राशि इधर-उधर की गई है। इनपुट के आधार पर ईडी की टीम पाथ ग्रुप के कार्यालय और निदेशक के आवास पर पहुंची और जांच शुरू की। सुबह ईडी का छापा पड़ते ही ऑफिस की छुट्टी भी कर दी गई है। बताया जा रहा है कि ईडी की टीम ने पाथ ग्रुप के अलग-अलग ठिकानों से दस्तावेज, कंप्यूटर और डिजिटल डिवाइस जब्त किए हैं। हालांकि, इस मामले में अभी ईडी की टीम ने कोई जानकारी नहीं दी है, लेकिन आशंका जताई जा रही है कि जांच में बड़े पैमाने पर गबड़बड़ी सामने आ सकती है।
गौरतलब है कि करीब दस साल पहले पाथ ग्रुप पर आयकर विभाग ने भी छापा मारा था। उस समय सामने आया था कि राजस्थान में एक हाइवे निर्माण परियोजना का ठेका अनिल अंबानी की कंपनी को मिला था, जिसे पाथ ग्रुप को पेटी कॉन्ट्रैक्ट के तौर पर सौंपा गया। आयकर विभाग की जांच में यह भी सामने आया था कि इस राशि को देशभर की अलग-अलग कंपनियों से ट्रांसफर किया गया और फिर यह पैसा दुबई के माध्यम से दोबारा भारत में लाया गया। इन लेन-देन से लाभ उठाने वाली कंपनियों के तार अनिल अंबानी के ग्रुप से जुड़े हुए पाए गए थे। कंपनी ने कुछ समय पूर्व क्रिकेट टीम भी ऊंची दरों पर खरीदी थी और कुछ बड़े प्रोजेक्टों में भी कंपनी की हिस्सेदारी है।
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